थूं म्हारो अरमान लाडेसर

थूं म्हारो अरमान लाडेसर
मान सकै तो मान लाडेसर
म्हारो तन, मन, जीवण थूं ही
थूं है म्हारी ज्यान लाडेसर
मायड़ समझ आँख रो तारो
तुझ पर व्है कुरबान लाडेसर
बूढापै बाबल री लाठी
बतळावै विद्वान लाडेसर
बहनां रो लाखीणो बीरो
थूं वांरो भगवान लाडेसर
कुळ री काण तिहारै हाथां
रखजे इणरो भान लाडेसर
रिश्तां री बुणगट हद झीणी
जाण नफो-नुकसान लाडेसर
बहनां बोझ नहीं है बेटा
(अै) विधनां रो वरदान लाडेसर
दादा-दादी कितरै दिन रा
राखे वांरो मान लाडेसर
आँख झपकतां छूटै ओ जग
फुरकंतां फरमान लाडेसर
बीतै रात बात रह ज्यावै
गात गळै समसान लाडेसर
ओ दिन छेवट सबनैं आणो
जाणै सकल जहान लाडेसर।
म्हारी बहू लाखीणी लाला
समझे कुळ री शान लाडेसर
उणसूं आंट राख मत अड़जे
सुधमन कर सम्मान लाडेसर
वा है आधो अंग तिहारो
खरै गुणां री खान लाडेसर
रीझ धीज करजे रंगरळियां
वंशवेल विगसान लाडेसर
मेळ न खाय विचार मानलै
तो भी तोड़ न तान लाडेसर
समै देख समझा सावळसर
उणनैं समझ सुजान लाडेसर
बिगड़ी रा कोई नह बेली
सगळा लेवै स्यान लाडेसर
साचै मन वा ही संग रहसी
इण तथ नैं पहचान लाडेसर
मां ममता दरियाव जसोदा
थूं पण उणरो का’न लाडेसर
उणरी सांस सांस में थूं है
प्राण-पौन उनमान लाडेसर
सास-बहू दोनां री सुणजे
गुणजे रखकर ध्यान लाडेसर
दिल रै संग दिमाग चलाजे
साख-फसल सरसान लाडेसर
मनमीतां संग राख मिताई
नित-प्रत नेह निभान लाडेसर
कुटळाई रो मूंढो काळो
काट कपट री रान लाडेसर
काम करै सो करजे व्हालो
गुण रो कर गुणगान लाडेसर
जस-वरचस लाटो जग मांही
तर-तर चढ परवान लाडेसर
देखी सुणी करी सो दाखी
दाखी अपणो जान लाडेसर
मान्यां माण मिलैला जग में
मन मानै तो मान लाडेसर
~~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”