🌺वाह! जवानां🌺 – कारगिल माथै कवि वीरेन्द्र लखावत कृत एक गजल

।।कारगिल माथै एक गजल।। कढ करगिल परवांन जवानां वाह जवानां।
भारत री थै शान जवानां वाह जवानां । जग ने दियौ जताय भीम भारत री फौजां, जस चढ्यौ असमान जवानां वाह जवानां। भुल्यौ भगनी भ्रात बंध्यो हित देश बचावण, धी रौ कियौ न ध्यान जवानां वाह जवानां। मंगेतर रै जाय मांग दूजी भरवाजो,
जासी सुरपुर जान जवानां वाह जवानां। सुरपुर इसङौ जोय हुयौ सगळौ हुल्लासित, गिण जो इनै गुमान जवानां वाह जवानां पिछमौ पाकिस्तान पङ्यौ जबरौ खपचा में, आडो अमरीको आन जवाना वाह जवानां। द्रास बटालिक पूंछ किया चावा दुनिया में,
हिमा खण्ड महान जवानां वाह जवानां। मोदीजै माँ आज दूध दणियर ऊजाळ्यौ, मम सुत हुवो महान जवानां वाह जवानां।। ~~वीरेन्द्र लखावत (रेंदड़ी)
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